भावार्थ : हर किसी में एक ख़ास प्रतिभा होती है जो औरों से हटकर होती है,उसकी पहचान होना और भरपूर इस्तेमाल करना ही जीवन की सच्ची सफलता है।क़ाबिलियत से क़ामयाबी हासिल हो सकती है पर जीवन की सार्थकता सिद्ध नहीं होती। ईश्वरीय प्रतिभा का जाया होना असफलता ही तो है।

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